Saturday, December 20, 2008

जोकर...............


तू बन कर तू बन कर जोकर
दे ख़ुशी सबको ,
दे मुस्कान हर चेहरे पर
तू बन कर गुलाब ,
रह काँटों के बीच,
अपनी सुन्दरता को बढा
कर न किसी को
दुखी तू ,
बोल ना कड़वे बोल तू
मन ना किसी का तू दुखा,
रोक ,
अपने अहंकार को तू
थाम कही वोह
तेरी महानता को
खत्म ना कर दे ,
ना कर तू किसी
कि तरफ अंगुली
देख,तीन तेरी
तरफ है झुकी हुई,
ना कर तू क्रोध
इतना कि
तेरे अंदर का
ज्वालामुखी फट जाये ,
बात हो ख़ुशी कि
तो सब के साथ बांटता चल ,
मन हो दुखी तो
खुद को खुद से ..
भी छिपता चल ......
बस,
बन कर जोकर ,
इस जीवन मे तू
सब को हँसाता....चल...हँसाता ..चल
(...कृति....अनु.....)

1 comment:

pawan arora said...

anu ji shabdo ka khajana hai aap ke paas jokar ban kar ......bahut achhe dil ko chu gai aap ki rachna